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बसंत आया होगा

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बसंत आया होगा घर के सामने चौक से ज़रा नीचे की ज़मीन पर खड़े पेड़ माल्टे से लदे हुए थे।ये माल्टे हरियाली चुनरी पर गोल- गोल सुंदर छापों से दिखते थे ओह कितनी सुंदर कुदरत की कलाकारी। केवल उन पेड़ों ...

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రచయిత గురించి
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Anamika
సమీక్షలు
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    మీ రేటింగ్

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  • author
    Geeta Lohan
    15 ஜனவரி 2023
    काश ये" बसंत आया है" ही रहता ।उनकी पीड़ा मन छलनी कर रही है।ये विस्थापन हर बार मार्मिक होता है ।कभी किसी का घर ना छुटे।
  • author
    ऋषभ मिश्रा "आरज़ू"
    17 ஜனவரி 2023
    बेहतरीन 👏👏👏👏 वर्तमान परिदृश्य के आधार पर लिखी गई एक विस्तृत, भावपूर्ण कथा ... माल्टे, काफल, हिसूल, गदेरे आदि ऐसे शब्द हैं जिन्हें शायद पहली बार ही पढ़ा या फिर शायद पहले भी आए हों जानकारी में तो याद नहीं। ये साबित करता है कि यूं ही नहीं लिख जाती एक अच्छी कहानी ..., उसके लिए अध्ययनशील, अनुसंधानिक और उत्सुक बनना पड़ता है ताकि बारीक से बारीक तथ्य भी दृष्टिगोचर हो। एक बेहतरीन कहानी के साथ लम्बे अरसे के बाद बहुत अच्छी वापसी 👏👏👏
  • author
    सोनल रुहान
    03 பிப்ரவரி 2023
    वाह बेहद कमाल का लिखा है । एक एक पंक्ति हमेशा की तरह बकमाल। ऐसे ही गांव में अपने नौकरी के दौरान दो साल उत्तराखंड रहा हूं। पनबिजली परियोजना का ही काम था। माल्टे के पेड़, खटाई सब यादें आपके लेखनी के बसंत में जीवित हो गई। सच है बसंत मन में आता है।
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    Geeta Lohan
    15 ஜனவரி 2023
    काश ये" बसंत आया है" ही रहता ।उनकी पीड़ा मन छलनी कर रही है।ये विस्थापन हर बार मार्मिक होता है ।कभी किसी का घर ना छुटे।
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    ऋषभ मिश्रा "आरज़ू"
    17 ஜனவரி 2023
    बेहतरीन 👏👏👏👏 वर्तमान परिदृश्य के आधार पर लिखी गई एक विस्तृत, भावपूर्ण कथा ... माल्टे, काफल, हिसूल, गदेरे आदि ऐसे शब्द हैं जिन्हें शायद पहली बार ही पढ़ा या फिर शायद पहले भी आए हों जानकारी में तो याद नहीं। ये साबित करता है कि यूं ही नहीं लिख जाती एक अच्छी कहानी ..., उसके लिए अध्ययनशील, अनुसंधानिक और उत्सुक बनना पड़ता है ताकि बारीक से बारीक तथ्य भी दृष्टिगोचर हो। एक बेहतरीन कहानी के साथ लम्बे अरसे के बाद बहुत अच्छी वापसी 👏👏👏
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    सोनल रुहान
    03 பிப்ரவரி 2023
    वाह बेहद कमाल का लिखा है । एक एक पंक्ति हमेशा की तरह बकमाल। ऐसे ही गांव में अपने नौकरी के दौरान दो साल उत्तराखंड रहा हूं। पनबिजली परियोजना का ही काम था। माल्टे के पेड़, खटाई सब यादें आपके लेखनी के बसंत में जीवित हो गई। सच है बसंत मन में आता है।